
December 10 is celebrated as Human Rights Day. मानवाधिकार का अर्थ है मानव का अधिकार जो बिना भेदभाव के मनुष्य के अधिकार की गारंटी देता है। ऐसे अधिकार जो मनुष्य के सार्वभौमिक अधिकार हैं, जिनमें मनुष्य के जाति, धर्म, रंग, नस्ल, राष्ट्रीयता, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
मनुष्य के लिए उसके अधिकार उनके जीवन का महत्व को दर्शाती है। हर साल 10 दिसंबर को अधिकार दिवस मनाया जाता है। दुनिया के सभी मानव को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त है, जो मानव को खुशी-खुशी जीवनयापन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस लेख में हम मानव अधिकार दिवस का इतिहास, जरूरत, महत्व आदि के बारे में जानेंगे।
Note: Human rights day is celebrated on 10 December
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इंडिया ह्यूमन राइट्स डे मनाने के कारण और उद्देश्य
Human rights day is celebrated on which date? दुनिया भर में मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर को मनाया जाता है। सामाजिक, सांस्कृतिक, शारीरिक और कुशल जीवन यापन के लिए मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मानव अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना है क्योंकि कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपने अधिकारों के बारे में नहीं पता है जिस कारण दूसरे लोग उनका शोषण करते हैं। अल्पसंख्यकों, महिलाओं, नाबालिक बच्चों, विकलांगों आदि की कुशलता के लिए राजनीतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
मानवाधिकार दिवस मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई?
मानव के अधिकार के लिए मानवाधिकार दिवस मनाने की बात संयुक्त राष्ट्र द्वारा रखी गई थी। 10 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी किया गया लेकिन आधिकारिक रूप से इस दिन की घोषणा 2 साल बाद 1950 को हुई थी। इस दिन की स्वीकृति 10 दिसंबर 1948 को पेरिस के पैलेस डी चैलॉट में महासभा के तीसरे सत्र में मिली थी। इस सत्र में संयुक्त राष्ट्र के 8 सदस्यों में से 48 सदस्यों का समर्थन प्राप्त हुआ। इस मतदान में 8 सदस्य इस सत्र में शामिल नहीं हुए थे और 2 देशों (यमन और होंडुरास) ने मतदान नहीं किया। इस दस्तावेज के पक्ष में मतदान देने वाले सदस्यों में भारत भी शामिल था।
मानवाधिकार दिवस मनाने के लिए सभी देशों को आमंत्रण भेजा, असेंबली ग्रेजुएशन पास किया और सभी देशों को इस दिन को मनाने की सूचना जारी की। मानवाधिकार एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज है इस दस्तावेज में मनुष्यों के मौलिक अधिकारों (Fundamental rights) को सुनिश्चित किया गया है।
भारतीय संविधान में मानवाधिकार का वर्णन
मानवाधिकार का अहमियत समझते हुए भारतीय संविधान में मौलिक या मूल अधिकारों का ख़ास प्रावधान रखा गया है। भारतीय संविधान के भाग तीसरे में 6 मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।
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भारत में मानव को प्राप्त मूलभूत अधिकार
- समानता का अधिकार (Article 14-18)
- स्वतंत्रता का अधिकार (Article 19-22)
- शोषण के विरुद्ध का अधिकार (Article 23-24)
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Article 25-28)
- संस्कृति और शिक्षा का अधिकार (Article 29-30)
- संवैधानिक अधिकार (Article 32)
UNHRC यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट कमीशन क्या है?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र की सरकारी निकाय है। यह परिषद् मानवाधिकार के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिम्मेदार है इस परिषद का गठन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 15 मार्च 2006 को किया गया। इस परिषद ने 60 साल पुराने यूनाइटेड नेशन ऑन हुमन राइट्स (United Nations Human Rights Council) का स्थान लिया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एनएचआरसी (NHRC) क्या है?
NHRC का full form National Human Rights Commission है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव अधिकार की घोषणा के बाद भारत में मानवाधिकार से संबंधित एक स्वतंत्र संस्था नेशन ह्यूमन राइट्स कमीशन ऑफ इंडिया बनाई गई। इस संस्था को बनाने में भारत ने 45 साल लगा दिए।
NHRC का गठन 12 अक्टूबर 1993 में किया गया। यह संस्थान भारत के मानवाधिकार के संवर्धन और संरक्षण के लिए उत्तरदायी है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 11 सदस्य और 1 अध्यक्ष होते हैं जिनमें 4 पूर्ण कालिक सदस्य और 7 मानद सदस्य होते हैं। शुरुआती समय में अध्यक्ष की नियुक्ति उसी की हो सकती थी जो भारत के मुख्य न्यायधीश रह चुके हो। लेकिन 2019 में संशोधन के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हो सकते हैं। इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंगनाथ मिश्र थे। वर्तमान समय (2022) में पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा इस पद को संभाल रहे हैं।
मानवाधिकार दिवस थीम
- 2012 – समावेशन और सार्वजनिक जीवन में भाग लेने का अधिकार
- 2013 – 20 साल अपने अधिकारों के लिए काम
- 2014 – मानवाधिकार के माध्यम में जीवन को बदलने के 20 साल
- 2015 – हमारा अधिकार, हमारी स्वतंत्रता हमेशा
- 2016 – आज किसी के अधिकारों के लिए खड़ा था
- 2017 – चलो समानता, न्याय और मानव गरिमा के लिए खड़े हो जाओ
- 2018 – मानवाधिकार के लिए खड़े हो
- 2019 – स्थानीय भाषा का साल मानवाधिकार, संस्कृति को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना
- 2020 – रिकवर फॉर बेटर : स्टैंड अप फॉर ह्यूमन राइट
- 2021 – असमानता को कम करना, मानवाधिकार को आगे बढ़ाना
- 2022 – डिग्निटी, फ्रीडम और जस्टिस फॉर ऑल
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मानव के अधिकारों की रक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
क्योंकि 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया था।
डिग्निटी, फ्रीडम और जस्टिस फॉर ऑल
मानवाधिकार दिवस