
भारतीय संविधान (Indian Constitution) भारत कानून का सर्वोच्च कानून है जिसकी रचना संविधान सभा द्वारा की गई। संविधान अपने आप में ही अति महत्वपूर्ण शब्द है जिसकी व्याख्या हम आगे करेंगे।
भारत का संविधान, संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को बनाया गया, जिसे हम संविधान दिवस के रूप में आज भी मनाते है। लेकन इसे पारित करने के लिए इंतजार किया गया। ऐसा क्यों ? चलिए इस बारे में बात करते है।
दरअसल भारत तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन 26 जनवरी 1950 को जब संविधान पारित हुई तब सही मायने में भारत को आज़ादी मिली थी और 26 जनवरी को संविधान पारित करने का दिन इसलिए चुना गया था, क्योंकि 26 जनवरी 1930 भारतीय क्रांतिकारियों ने पूर्ण स्वराज पाने की घोषणा की थी लेकिन कुछ कारणों की वजह से पूरा न हो पाया। तभी जब संविधान लागू करने पर विचार किया गया तब 26 जनवरी का दिन चुना गया ताकि इस दिन का महत्व हमेशा बना रहें, और इस दिन को भारतीय गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है।
भारत का संविधान, भारत सरकार अधिनियम 1935 का रूप माना जाता है क्योंकि इसके कई तत्व यहाँ से लिए गए है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
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भारतीय संविधान कहाँ से प्रेरित है?
भारतीय संविधान के रचयिता संविधान सभा मे कई देशों के संविधान का अध्ययन किया और उसकी ख़ास विशेषताओं को भारतीय संविधान में अधिग्रहित किया। जैसे मुख्य विशेषताओं की बात करें तो संसदीय प्रणाली, एकल नागरिकता, न्यायालय का विशेषाधिकार द्विसदन आदि ब्रिटेन से प्रेरित है, मौलिक अधिकार अमेरिका से। नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति क निर्वाचन आदि आयरलैंड से लिया गया है। प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र व राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन आदि ऑस्ट्रेलिया से लिया गया। संविधान में संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान साउथ अफ्रिका से लिया गया। मौलिक कर्तव्य का प्रावधान सोवियत संघ से लिया गया है।
संविधान सभा क्या है? भारतीय संविधान सभा (Constituent Assembly of India) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य और जानकारी
भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 को चुनाव हुए थे। जिसकी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को नई दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई थी। तद्पश्चात देश को दो भागों भारत और पाकिस्तान में बांट दिया गया और भारतीय संविधान सभा भी दो भागों – भारत का संविधान सभा और पाकिस्तान का संविधान सभा में बंट गया।
बँटवारे के बाद कुल सदस्यों (389) में से इस संविधान सभा में 299 सदस्य थे। संविधान सभा के प्रथम सचिव सच्चिदानंद सिन्हा थे लेकिन बाद में अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को बनाया गया, जो स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति भी बने। संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान तैयार किया था जिसे बनाने में उन्हें 2 साल 11महीने 18 दिन लगे थे।
संविधान सभा ने संविधान मे 395 अनुच्छेद ,22 भागों और 8 अनुसूचियाँ रखी लेकिन वर्तमान समय में इसमें 395 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियो में विभाजित है। डॉ बी. आर. आंबेडकर जो संविधान के ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष थे उन्हें भारत के संविधान का पिता कहा जाता है।संविधान बनने के बाद इसकी अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को हुई।
मुस्लिम लीग की स्थापना कब हुई और किसने की?
पाकिस्तान अलग राष्ट्र की मांग मुस्लिम लीग ने 1940 लाहौर आंधवेशन में प्रथम बार की थी, जिसकी अध्यक्षता मोहम्मद अली जिन्ना ने की थी। ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसम्बर 1906 ढाका (वर्तमान में बंग्लादेश) मैं मोहम्मद अली जिन्नाह, आगा खां, ख्वाजा सलीमुल्ला आदि ने की थी।
भारतीय संविधान (Indian Constitution) के अनुसार मंत्री परिषद
भारतीय संविधान (Indian Constitution) की धारा 79 के अनुसार संसदीय परिषद में राष्ट्रपति और दो सदन होंगे। जिसे हम राज्यों का परिषद राज्यसभा, लोगो की सदन लोकसभा के नाम से जानते हैं। संविधान की धारा 74(1) के तहत यह बात कही गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उन्हें परामर्श देने के लिए एक मंत्रीपरिषद होगा, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति इन मंत्रीपरिषद की सलाह पर अपने कार्य करेगा, मंत्री परिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्तियाँ मंत्री परिषद में निहित होती है।
उसी प्रकार राज्य में एक विधानसभा होती है, जिसका प्रमुख राज्यपाल होता है। प्रत्येक राज्य में मंत्रीपरिषद होता है। जिसका प्रमुख मुख्यमंत्री होगा, मंत्रीपरिषद और मुख्यमंत्री, राज्यपाल को सलाह देने के लिए होते हैं। ठीक उसी प्रकार राज्य के मंत्री परिषद् राज्य के विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं, देश के 6 राज्यों में दिवसदनीय व्यवस्था की गई है जिसे विधान परिषद कहा जाता है, वे राज्य है- आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश, पहले ‘जम्मू-कश्मीर में भी विधान परिषद की व्यवस्था थी लेकिन धारा 370 हटने के बाद उसकी मान्यता खत्म हो गई।
भारतीय संविधान (Indian Constitution) की प्रस्तावना में क्या है?
13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल ने एक उद्देशिका पेश की थी, जो संविधान का संक्षिप्त विवरण देता है। इस उद्देशिका को संविधान में प्रस्तावना के रूप में शामिल किया गया, इसके अनुसार भारत एक सम्प्रभुतासम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य है, इसलिए प्रस्तावना को भारतीय संविधान की आत्मा और संविधान की कुंजी कहा गया है।