
Indian Navy Day: भारत के इतिहास में भारतीय नौसेना की ग़हरी छाप है। थल सेना, वायु सेना के अतिरिक्त जल सेना (Indian Navy) ने भी भारत की रक्षा करने के लिए अपनी जान निछावर कर दी है। जल सेना के कई रोचक और बहादूरी के कई कस्से प्रसिद्ध है। जल सेना का मुख्य कार्य जल सीमा में रहकर दुश्मनों से रक्षा करना है। इसी वजह से भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी नौसेनाओं में से एक कही जाती है। भारतीय की बहादूरी मुंबई के ताज होटल में अलावे कई मामलों में देखा जा चुका है।
1971 में भारतीय नौसेना अपने शौर्य और पराक्रम से पाकिस्तान को तबाह कर दिया था। इसके बारे में हम आगे पढ़ेंगे। भारत एक प्रायद्वीप है। भारत का ग़ौरव उसकी सेना है जिसमे भारतीय नौसेना का अपना अलग महत्व है। भारतीय नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है। इस लेख के माध्यम से हम भारतीय नौसेना दिवस मनाने के कारण और भारतीय सेना का इतिहास आदि के बारे में अच्छे से जानेंगे। इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें और अपनी ज्ञान को थोड़ा और बढ़ाएं।
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भारतीय नौसेना का इतिहास (History of Indian Navy)
जल सेना की स्थापना कब हुई? भारतीय नौसेना का जनक मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज को माना जाता है। भारतीय नौसेना का मुख्य कारण समुद्री मार्ग की रक्षा करना है। भारत के इतिहास में ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1612 में ईस्ट इंडिया मैरिज नामक सेना गठित की थी। इस सेना का मुख्य कार्य अंग्रेजों के जहाज की रक्षा करना था। कुछ समय बाद इस सेना का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नौसेना रख दिया गया। भारत की आजादी के बाद नौसेना का फिर से गठन किया गया और इस सेना का नाम भारतीय नौसेना दिया गया।
4 दिसंबर को मनाने का कारण (Reason to celebrate 4th December)
1971 भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान ने की थी। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की ओर से हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया गया। इस हमले का मुंहतोड़ जवाब भारतीय वायुसेना ने दिया। लेकिन भारतीय नौसेना ने भी इस हमले के जवाब में लग गई। भारतीय नौसेना ने “ऑपरेशन ट्राइडेंट” शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के PNS खेेबर सहित चार जहाजों को डूबा दिया। इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना के तीन मिसाइल जहाज INS निपाट, INS निर्घाट और INS वीर ने प्रमुख भूमिका निभाई।
इस कारण पाकिस्तान के कई सैनिकों की मौत हो गई। इस युद्ध में भारत की ओर से पहली बार एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था। पाकिस्तान के ऑयल टैंकर को भी पूरी तरह से तबाह कर दिया गया था। जिसके कारण इसकी आग की लपटें 60 किलोमीटर तक फैल गई थी। ऐसा कहा जाता है कि इस आग की लपटों को 7 दिनों तक भी नहीं बुझाया जा सका था। इसी सफलता को याद करते हुए हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है।
4 दिसंबर को कैसे मनाया जाता है? इस उपलक्ष पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम की शुरुआत युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करके किया जाता है। फिर नौसेना के पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों आदि का कौशल प्रदर्शन किया जाता है।
मुख्यालय
- Integrated headquarters of navy – New Delhi
- Western Naval Command – Mumbai
- Eastern Naval Command – Visakhapatnam
- South Naval Command – Kochi
- Andaman and Nicobar command – Port Blair
Indian Navy Day 2022 की थीम
स्वर्णिम विजय वर्ष(Golden victory year)
Rank of of sailors in Indian Navy
- Master Chief petty officer 1st class
- Master Chief petty IInd class
- Chief petty officer
- Petty officer
- Leading Rate
- Seaman 1st class
- Seaman 2nd class
Indian Navy Day: जल सेना दिवस : FAQs
नेवी डे क्यों मनाते हैं?
1971 को हुए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत को याद करते हुए भारत हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाता है। इस युद्ध में भारतीय नौसेना की तरफ से ऑपरेशन ट्राइडेंट सुरु किया गया था।
नौसेना दिवस कब मनाया जाता है?
4 December
नेवी में सबसे बड़ा पद कौन सा होता है?
Admiral
नौसेना अध्यक्ष को क्या कहते हैं?
Admiral
जल सेना के प्रमुख कौन है 2022?
एडमिरल आर हरि कुमार
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Golden victory year
भारतीय नौसेना को कितने भागों में बांटा गया है ?
भारतीय नौसेना मुख्य रुप से तीन भागों में बांटा गया है – वेस्टर्न नेवल कमांड, ईस्टर्न नेवल कमांड और दक्षिणी नेवल कमांड।