
Lata Mangeshkar (लता मंगेशकर) भारत के लोकप्रिय गायिका के रूप में जानी जाती हैं। लता जी ने अपना पूरा जीवन संगीत में समर्पण कर दिया था। आज हम लता जी के जीवन के बारे में कुछ बातें जानेंगे। लता जी का जीवन उपलब्धियों से भरा पड़ा था। लता जी भारतीय सिनेमा की पार्श्वगायिका थी। आज हम लता जी के प्रारंभिक जीवन, संघर्ष, पुरस्कार, संगीत की दुनिया में उनकी उपलब्धियों का विस्तार पूर्वक जानकारी लेंगे। इसके लिए आपको यह लेख अंत तक पढ़ना होगा।
Lata mangeshkar sampurn jivan parichay
वास्तविक नाम | लता मंगेशकर |
प्रारंभिक नाम | हेमा |
उपनाम | बॉलीवुड की नाइटिंगेल, स्वर कोकिला |
जन्मतिथि | 28 सितंबर 1929 |
जन्मस्थान | इंदौर, मध्य प्रदेश |
पिता का नाम | दीनानाथ मंगेशकर |
माता का नाम | शेवंती मंगेशकर |
विवाहित स्थिति | अविवाहित |
धर्म | हिंदू |
जातीयता | महाराष्ट्रीयन |
संगीत शिक्षक | दीनानाथ मंगेशकर, उस्ताद अमानत अली खान, गुलाम हैदर, अमानत खान देवस्वाले, पंडित तुलसीदास शर्मा |
मृत्यु | 4 फरवरी 2022 (रविवार) |
मृत्यु स्थान | ब्रीच कैंडी अस्पताल मुंबई |
श्मशान स्थल | क्षत्रपति शिवाजी पार्क, मुंबई |
आयु (मृत्यु के समय) | 92 वर्ष |
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Lata Mangeshkar first song (लता मंगेशकर का पहला गाना)
लता मंगेशकर ने अपना पहला गाना मराठी फिल्म “कीर्ती हसाल” के लिए गया। लता मंगेशकर ने अपना पहला गाना था Naachu Yaa Gade, Khelu Saari Mani Kaus Bhaari लेकिन उनका यह गाना कभी रिलीज नहीं हुआ। क्योंकि उनके पिता यह बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी फिल्मों में अपनी आवाज दे। इस वजह से इस फिल्म से उनके गाने को हटा दिए गए और कभी रिलीज़ नहीं किया गया।
Lata Mangeshkar Early Life in Hindi (लता मंगेशकर का प्रारंभिक जीवन परिचय इन हिंदी)
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था। वह रंगमंच के गायक और कलाकार थे। लता जी की माता का नाम शेवंती मंगेशकर था। लता जी की तीन बहनें और एक भाई हैं। बहनों में मीना खाड़ीकर, आशा भोसले और उषा मंगेशकर है। भाई का नाम हृदयनाथ मंगेशकर है।
लता मंगेशकर का नाम लता कैसे पड़ा? वैसे तो लता जी का जन्म इंदौर के मध्य प्रदेश में हुआ था। लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र में हुई थी। लता जी अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। उनका परिवार बेहद साधारण और मध्यवर्गीय था। बचपन से ही लता जी काफी समझदार और भिन्न अभिव्यक्ति की थी। उनकी माता उनके पिता दीनानाथ की दूसरी पत्नी थी। उनकी पहली पत्नी नर्मदा मंगेशकर थी। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने नर्मदा की छोटी बहन शेवंती से शादी की। लता जी के जन्म के बाद उनका नाम हेमा रखा गया था। लेकिन उनके पिता ने एक नाटक के किरदार लतिका से प्रेरित होकर उनका नाम हेमा से बदलकर लता रख दिया।
जब लता जी 5 वर्ष की थी तभी से उनके पिता ने संगीत की शिक्षा देना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनके पिता के नाटकों में लता जी नाटक भी करने लगी। जब लता जी पहली बार स्कूल गई तो उन्होंने अपने साथ अपनी बहन आशा को भी ले गयी। आशा को स्कूल की शिक्षिका ने कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी। जिससे नाराज होकर लताजी स्कूल से चली गई और फिर कभी स्कूल वापस लौट कर नहीं गयी।
Story of Lata Mangeshkar’s struggle (लता मंगेशकर के संघर्ष की कहानी)
1942 में लता जी के पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया। इसके बाद लता जी को जीवन में कई संघर्ष करने पड़े। उस समय लता जी की उम्र मात्र 13 वर्ष थी। पिता की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी। लता जी को अभिनय पसंद नहीं था, लेकिन अपने परिवार के लिए उन्होंने अभिनय करना भी स्वीकार किया। अभिनेत्री के रूप में संवारने में उनकी मदद उनके पिता की एक मित्र मास्टर विनायक ने की, जो नवयुग चित्रपट मूवी कंपनी के मालिक थे।
लता जी ने हिंदी फ़िल्मों के अलावे मराठी फ़िल्मों में भी अभिनय किया। अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फिल्म मंगलागौर थी जो 1942 में आयी थी। उसके बाद उन्होंने माझेबाल(1943), चिमुकला संसार (1943),गजबाऊ(1944),बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946)आदि जैसे फिल्मों में अभिनय किया।
1947 में उन्हें पहला गाना गाने का मौका वसंत जोगलेकर की फिल्म “आपकी सेवा” के लिए मिला। इसके गाने से सभी लता जी के गायन से प्रभावित हुए। इसके बाद लता जी ने फ़िल्म “मजबूर” के गाने “अंग्रेजी छोरा चला गया” और “दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का ना छोड़ा तेरे प्यार ने” गाने गाए, जो काफी चर्चा में रही। 1949 में लता जी ने फ़िल्म “महल” के लिए “आयेगा आने वाला” गाना गाया। यह गाना उन्होंने मधुबाला के लिए गाया था। इस गाने से उनके संगीत के सफर का दरवाजा खुल गया। इस गाने को बहुत प्रसिद्धि मिली। इसके बाद लता जी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे बढ़ती गयी।
Lata Mangeshkar’s melodious journey, know about her musical journey (लता मंगेशकर का सुरीला सफ़र, जानें उनकी संगीत यात्रा के बारे में )
लता मंगेशकर क्यों प्रसिद्ध है? Lata Mangeshkar जी के दुनियाभर में करोड़ों प्रशंसक हैं। सभी उन्हें प्यार से “लता दीदी” कह कर बुलाते हैं। लता जी ने मुख्यतः हिंदी, मराठी और बंगाली भाषा में गायन किया है। इसके अलावा उन्होंने कई भाषाओं में गायन किया। लता जी ने 25 भाषाओं में 50,000 से ज्यादा गाने गा चुकी हैं। लता जी को साक्षात मां सरस्वती का अवतार माना जाता है। इनके मधुर गानों के कारण इन्हें “सुरों की रानी” और “स्वर कोकिला” भी कहते हैं। इसके अलावा इन्हें भारतीय सिनेमा में “बॉलीवुड की नाइटिंगेल”और “बॉलीवुड की कोकिला” का भी श्रेय प्राप्त है। लता जी ने अपने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा तो अपने पिता दीनानाथ से ली लेकिन इनके अलावा उन्होंने संगीत की शिक्षा उस्ताद अमानत अली खान, गुलाम हैदर, अमानत खान देवस्वाले और पंडित तुलसीदास शर्मा से ली।
लता जी के गुरु उस्ताद गुलाम हैदर ने लता जी को पार्श्वगायिका की पहचान दिलाने में काफी मदद की। लता जी की आवाज बहुत पतली थी, इसलिए सभी को लगता था कि वह पार्श्वगायिका नहीं बन सकती। लेकिन उस्ताद गुलाम हैदर जी ने इस बात को गलत साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके लिए वे कई निर्माता-निर्देशक से मिले। 1948 में लता जी ने “मजबूर” फिल्म के लिए “दिल मेरा तोड़ा” गाना गाया जो हिट हो गई। उसके बाद गुलाम हैदर जी लता जी के गॉडफादर बन गए।
Why Lata Mangeshkar did not marry, what was the big reason?(लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की शादी, क्या थी बड़ी वजह?)
लता जी जीवन भर अविवाहित रही। ऐसा कहा जाता है कि लता जी पर बहुत छोटी उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ आ गया था। पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी बहुत अच्छे से लता जी ने संभाली। जिम्मेदारी और दुनियादारी में लता जी उलझ कर रह गयी और शादी के बारे में नहीं सोच पाई।
List of awards received by Lata Mangeshkar (लता मंगेशकर को मिले पुरस्कारों की सूची)
लता जी को कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कई पुरस्कारों को तो उन्होंने लेने से मना कर दिया। जैसे 1970 के बाद उन्होंने सर्वश्रेष्ठ गायिका का फिल्म फेयर अवॉर्ड लेने से इसलिए मना कर दिया। क्योंकि उनका कहना था कि यह अवार्ड उनकी बजाय नए गायक-गायिकाओं को दिया जाना चाहिए। उनको मिले पुरस्कार निम्नलिखित है।
- 1969 में पद्म भूषण
- 1989 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
- 1999 में पद्म विभूषण
- 2001 में भारत रत्न
- 1972,1974 और 1990 में लता जी को फिल्म “परी”, “कोरा कागज” और “लेकिन” के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
- 1959 फिल्म “मधुमति” में “आजा रे परदेसी”
- 1963 में फिल्म “बीस साल बाद” में “कहीं दीप जले कहीं दिल”
- 1966 में फिल्म “खानदान” में “तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा”
- 1970 में फिल्म “जीने की राह से” में “आप मुझे अच्छे लगने लगे”
- 1994 में फिल्म “हम आपके हैं कौन” में “दीदी तेरा देवर दीवाना” इन सभी के लिए लता जी को फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- लता जी को 1993 में फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला। और 2004 में फिल्म फेयर के 50 साल पूरे होने के अवसर पर स्पेशल फिल्मफेयर अवार्ड में एक गोल्डन ट्रॉफी प्रदान किया गया।
- 1966 और 1967 में लता जी को महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- 1996 में स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1997 में राजीव गांधी पुरस्कार
- 1999 में एनटीआर पुरस्कार
- 1999 में ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2000 में IIAF का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 में स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 में नूरजहाँ पुरस्कार
- 2001 में महाराष्ट्र भूषण
लता जी इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन उनके गाने आज भी सभी सुनते हैं इस तरह वह अमर है उसकी स्नेहिल स्मृतियां, उनके गाने हमेशा उनके चाहने वालों को याद रहेंगे।
Lata Mangeshkar Question and Answer
लता जी के तीन बहनें और एक भाई हैं। बहनों का नाम मीना खाड़ीकर, आशा भोसले और उषा मंगेशकर है। भाई का नाम हृदयनाथ मंगेशकर है।
लता मंगेशकर का पैतृक गांव का नाम मंगेशी है जो गोवा के पोंडा नामक इलाके में है।
गोवा के पोंडा नामक इलाके में मंगेशी गांव है। यही मंगेशी गांव स्वर कोकिला लता मंगेशकर का पैतृक गांव है।
मंगेशी गांव (गोवा)
लता जी की मृत्यु कोविड की जटिलताओं की वज़ह से 6 फरवरी 2022 रविवार को गयी।
6 फरवरी 2022
6 फरवरी 2022
महाराष्ट्रीयन
2006 में ‘रंग दे बसंती’ का गाना ‘लुका छिपी’ लता जी का अंतिम गाना है।
लता जी का पुराना नाम हेमा था।
लता जी के तीन बहनें और एक भाई हैं।
लता मंगेशकर जी अविवाहित थी।
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