
Ramayan (रामायण) एक महाकाव्य है। रामायण को आदिकाव्य के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र ग्रंथ की रचना महर्षि बाल्मीकि ने की थी। जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के प्रभावशाली चरित्र का वर्णन किया गया है। रामायण में कुल 24000 श्लोक, 500 उपखंड और 7 कांड सम्मिलित हैं। रामायण सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है। रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि के नाम से भी जानते हैं। इस ग्रंथ को संस्कृत भाषा में लिखा गया। इस ग्रंथ का हिंदू धर्म में बहुत स्थान है। इस महाकाव्य के माध्यम से प्रभु राम की महान गाथा कही गई है।
जानिए महर्षि वाल्मीकि की जीवनी और रोचक तथ्य के बारे में
ऐसा माना जाता है कि रामायण की रचना 600 ई.पू. से पहले की गई थी। श्री राम भगवान विष्णु के अवतार कहे जाते हैं। भारतीय काल गणना के अनुसार समय को चार युगों में बांटा गया है- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग और कलियुग।
रामायण किस युग से संबंधित है? रामायण का समय त्रेतायुग काल का माना जाता है। रामायण में राम की जीवन यात्रा का वर्णन मिलता है। इसे 7 भागों में बांटा गया है। वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में अयोध्या कांड से युद्ध कांड तक का ही विवरण मिलता है। रामायण का प्रथम और अंतिम भाग बाद में जोड़ा गया है।
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Some interesting facts related to Ramayan (रामायण से जुड़े कुछ रोचक तथ्य)
श्री राम को भगवान विष्णु के 7वाँ अवतार कहा जाता है। गायत्री मंत्र इसी महाकाव्य से मिलकर बना है। श्री राम का अवतार पूर्ण नहीं माना जाता है। लेकिन रावण को कई वरदान मिले थे। रावण का वध एक मनुष्य ही कर सकता था। इसी कार्य हेतु भगवान विष्णु का श्री राम के रूप में जन्म हुआ। श्री राम 14 वर्ष व्यतीत कर रहे थे। उनके साथ माता सीता और लक्ष्मण भी वनवास में थे। उन्होंने अपने वनवास का ज्यादातर समय दंडकारण्य नामक वन में बिताया। वनवास में लक्ष्मण ने माता सीता और राम के पूरे मन से सेवा की। उनकी रक्षा के लिए वनवास का पूर्ण काल 14 वर्ष सोए नहीं। इसी कारण लक्ष्मण जी मेघनाथ का वध करने में सफल हो पाए। क्योंकि रावण के पुत्र मेघनाद को यह वरदान था कि उसकी मृत्यु उसी क हाथों हो सकती है जो 14 वर्ष तक सोया न हो।
मेघनाथ का दूसरा नाम इंद्रजीत भी है जिसे स्वयं ब्रह्मा ने दिया था। मेघनाद ने युद्ध में इंद्र को हरा दिया था। इस वजह से ब्रह्मा ने मेघनाद को इंद्रजीत नाम से सुशोभित किया। लक्ष्मण ने मेघनाद के अलावा रावण के पुत्र प्रहस्त और अतिके का भी वध किया था। रामचरितमानस के अनुसार राम और रावण के बीच 32 दिनों तक युद्ध चला, जबकि शुरुआत से अंत तक का युद्ध 87 दिनों तक चला था।
16 Good Qualities of lord Rama – आदर्श पुरुष श्रीराम के 16 अच्छे गुण
श्रीराम गुणों से परिपूर्ण है। उन्हें आदर्श पुरुष के साथ-साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। श्री राम ने अपने जीवन में अच्छे कार्य के साथ-साथ कई राक्षसों का संहार किया। श्रीराम असाधारण और प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के थे। उनके विलक्षण गुणों के कारण ही युगो-युगो से वे पूजनीय हैं। आज हम जानेंगे राम के वो 16 गुण जिनसे हम सब प्रभावित हैं। इन 16 गुणों को अपने जीवन में अपनाकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
- ज्ञानी (Knowledgeable)
- सकारात्मक विचारधारा (Positive Attitude)
- धर्म के साथ प्रेम, सेवा और मदद की भावना (Spirit of love, Service and help with religion)
- विनम्र स्वभाव (Humble nature)
- सत्यवादी (Truthful)
- दृढ़ प्रतिज्ञाशील (Firmly Committed)
- सदाचारी (virtuous)
- सभी प्राणियों के प्रति उदार व्यवहार (Generous to all living beings)
- विवेकशील (Prudent)
- सामर्थयशील (Capable)
- खूबसूरती (Beauty)
- धैर्यवान (Patient)
- जल के समान शांत और सहज (Calm and Easy as water)
- अच्छा व्यक्तित्व (Good Personality)
- स्वस्थ और बलवान (Healthy and Strong)
- गलत बातों का विरोधी (Opponent of wrongdoing)
रामायण के सात कांडों के बारे में विस्तार से
रामायण के 7 कांड का विस्तार पूर्वक विवरण जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
बालकाण्ड
किष्किन्धाकाण्ड
महर्षि वाल्मीकि, तुलसीदास जी
आदिकाव्य
महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण संस्कृत भाषा में लिखी जबकि तुलसीदास जी ने अवधी में रामचरित मानस की रचना की।
अरण्यकाण्ड
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