
Ration Card एक आधिकारिक दस्तावेज है राज्य सरकार जारी करती है। यह कार्ड भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एक अति महत्वपूर्ण अंग है। इतिहास में राशन कार्ड की व्यवस्था द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हमेशा स्थापित रही।
साथियों, आप जानते ही होंगे कि हमारे उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री रामविलास पासवान हुआ करते थे। उन्होंने अगस्त 2019 में एक योजना शुरू की थी। जिसे हम One Nation One Ration Card के नाम से जानते हैं। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चली।
राशन कार्ड एक आधिकारिक दस्तावेज है राज्य सरकार जारी करती है। यह कार्ड भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। इतिहास में राशन कार्ड की व्यवस्था द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हमेशा स्थापित रही। इसके जरीये लोगों को चावल, गेहूं, चीनी, मिट्टी का तेल, दाल आदि जैसे अनाज कम किम्मत पर दिए जाते हैं।
Table of Contents
One Nation One Ration Card कैसे बना?
वन नेशन वन राशन कार्ड बनने के समय एक चर्चा चल रही थी, एक राष्ट्र एक टैक्स जो कि एक GST हो गया था। वैसा ही मिलता जुलता एक राष्ट्र एक राशन कार्ड नमक योजना शुरू की गयी। यह योजना बड़ी भरोसे लायक थी। इसको पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चार राज्यों में शुरू किया गया था। वे राज्य है – तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र। योजना को जब लॉन्च किया गया था, तब ये वादा किया गया था कि जून 2020 तक यह योजना संपूर्ण भारत में लागू किया जायेगा, लेकिन यह योजना अभी तक संपूर्ण भारत में लागू नहीं हो पाई है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को कहा है कि 31 जुलाई 2021 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में One Nation One Ration Card (एक राष्ट्र एक राशन कार्ड) की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
राशन कार्ड का क्या उपयोग है?
जैसा कि आपको मालूम होगा कि भारत में ऐसे कई राज्य है जहाँ पर या तो प्रवासी मजदूर काम करने आते हैं, या फिर तो कहीं जाते हैं। किसी भी राज्य पर ऐसा कोई बंधन नहीं है कि इस राज्य के लोग बाहर नहीं जा सकते हैं। सभी लोग काम करने के लिए migrate करते हैं। इस migration के दौरान बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आते हैं, मतलब वे लोग जिनको भारत सरकार सस्ते दाम पर अनाज उपलब्ध कराती है। उन लोगो के लिए भारत सरकार ने एक दुकान उपलब्ध करायी है जिसको उचित मूल्य की दुकान कहते हैं। जहाँ से सरकार के द्वारा सस्ते दामो में अनाज उपलब्ध किया जाता है।
भारत में National Food Security Act(राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) 2013 में लाया गया था। जिसके तहत हम जितने भी ऐसे लोग हैं जिन्हें कम दाम पर या जिनके पास जीविका के पर्याप्त साधन नहीं है, अंत्योदय के अंतर्गत आते हैं या BPL में आते हैं, उनको उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से कम दाम में अनाज उपलब्ध कराया जाता है।
राशन कार्ड के उपभोक्ता कौन हैं ?
भारत में लगभग 22 करोड़ परिवार की पहचान की गई, जिन्हें भोजन उचित मूल्य की दुकान से अनाज खरीदना पड़ता है। 22 करोड़ लोगो के पास राशन कार्ड होता है। राशन का मतलब होता है समभाजन की व्यवस्था जिसके मध्यम से वितरण प्रणली को अपनाया जाता है। राशन कार्ड लगभाग सभी लोगो के पास होती है, जिसमे परिवार की official जानकारी होती है।
What were the disadvantages of the old ration system and what is the solution of that in new ration card (पुरानी राशन प्रणाली के क्या नुकसान थे और नए राशन कार्ड में उसका क्या समाधान है)?
भारत में अब तक की ये व्यवस्था थी की मान लीजिये की मैं रामपुर में रहता हूं। और राशन कार्ड के माध्यम से बेहतर मूल्य की दुकान से अनाज लेने गया तो वह मुझे मेरे आस पास की दुकान allot कर दिया जाएगा। जिसमे लिख दिया जाएगा की मैं इस जगह रहता हूं तो मुझे XYZ बोर्ड में जो दुकान है वहां से मुझे राशन मिल पाएगा। जिससे कि मैं उस दुकान के लिए fix हो गया।
इससे निदान पाने के लिए अगस्त 2019 में यह योजना आई। राशन कार्ड एक हो लेकिन संपूर्ण भारत में जहां आप चाहो वहां से राशन खरीद सकते हैं। इसलिए इसे एक राष्ट्र एक राशन कार्ड कहा गया है।
जब कोई योजना आती है तो उसमें कमियाँ भी होता है जैसे मैंने यहाँ रामपुर से भी अनाज ले लिया, और कहीं और से भी फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र बना कर वहाँ से भी लेना चाहा। ऐसी स्थिति में सरकार को बड़ा नुकशान होगा, इससे बचने के लिए सरकार ने तकनीक का उपयोग किया, और उस तकनीक का नाम है हमारा आधार कार्ड, जो की 12 अंक का होता है। उसमे हमारी बायोमेट्रिक्स पहचान छुपी होती है। बॉयोमीट्रिक्स का मतलब है हमारे रेटिना और अंगूठे का निशान उसमे स्कैन होते हैं। तो सरकार ने यह प्रबंधन किया है कि राशन कार्ड को आधार से जोड़ा दिया जाए। इससे ये फ़ायदा हुआ कि राशन कार्ड किसका है ये बायोमेट्रिक्स की जानकारी सरकार के पास मौजूद है। ऐसी स्थिति में कोई भी किसी भी एक ही स्थान से राशन ले सकता है।
आधार को राशन कार्ड से जोड़ने के क्या फायदे है?
अगर में रामपुर के किसी उच्च मूल्य की दुकान से अनाज लेता हूं, तो मैंने अपना आधार कार्ड दिया, फिर दुकानदार ने मेरा प्रवेश अंगूठे का निशान ले लेगा, एंट्री को लेने के लिए दुकान के पास प्वाइंट ऑफ बिक्री (Point of sale) नामक एक मशीन होती है। पीओएस(POS) मशीन से वह मेरी एंट्री देता है। इस एंट्री की वजह से एक इंसान एक महीने का राशन दो दुकान से नहीं ले पाएगा।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जहां एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली उपलब्ध नहीं है
यह योजना अब तीन राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में लागू नहीं हो पाई है,वे है- असम, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और दिल्ली।
NFSA से पहले भारत में विभाजित समूहों के अनुसार राशन कार्ड के प्रकार
NFSA से पहले भारत में विभाजित समूहों के अनुसार राशन कार्ड के तीन प्रकार के होते हैं लेकिन यह जगह-जगह अलग-अलग होते हैं वे है – BPL, APL और AAY।
BPL – इसका पूर्ण रूप Below Poverty Line (गरीबी रेखा के नीचे) होता है। इसलिए यह राशन कार्ड उन परिवार वालों को दिया जाता है जो कि गरीबी रेखा के नीचे आते हो। भारत में बीपीएल के अंतर्गत वे परिवार आते हैं, जिनके परिवार की वार्षिक आय 27000 या उससे कम हो, जो कि 2011 से पहले 10000 हुआ करती थी।
APL – इसका पूर्ण रूप Above Poverty Line (गरीबी रेखा से ऊपर) होता है। इसलिए यह राशन कार्ड उन परिवार वालों को दिया जाता है जो कि गरीबी रेखा के ऊपर आते हैं। राशन कार्ड के लिए कोई वार्षिक आय की सीमा की आवश्यकता नहीं होती है।
AAY – इसका पूर्ण रूप है अंत्योदय (Antyodaya) है। यह राशन कार्ड अत्यंत गरीब परिवार के लिए होता है, मतलब जिनकी आय 250रु या उससे कम होती है। इसके माध्यम से परिवार वालो को 35 किलो अनाज 3रु प्रति किलो के दर से दिया जाता है।
NFSA के बाद राशन कार्ड के प्रकार (After NFSA types of ration card)
NFSA(National Food Security Act) के बाद दो तरह के राशन कार्ड होते हैं –
Priority राशन कार्ड- इस राशन कार्ड के माध्यम से परिवार के हर सदस्य के लिए 5 किलो अनाज मिलता है।
अंत्योदय (Antyodaya) राशन कार्ड – जिनकी आय 250रु या उससे कम होती है। इसके माध्यम से परिवार वालो को 35 किलो अनाज 3रु प्रति किलो के दर से दिया जाता है।
रंग के अनुसार राशन कार्ड के प्रकार (Types of ration card according to color)
रंगों के अनुसार तीन प्रकार के राशन कार्ड होते हैं –
पीला (Yellow) राशन कार्ड – गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवार को पीला कार्ड दिया जाता है।
ऑरेंज (Orange)राशन कार्ड – गरीबी रेखा के ऊपर आने वाले परिवार को ऑरेंज कार्ड दिया जाता है।
नीला/गुलाबी/लाल राशन कार्ड – गरीबी रेखा के ऊपर आने वाले परिवार को दिया जाता है। यह कार्ड उन परिवार वालों को दिया जाता है जिनके पास गैस/LPG कनेक्शन नहीं होता है।
FAQ – वन नेशन वन राशन कार्ड
अगर आप वन नेशन और वन राशन कार्ड बनवाने की सोच रहे हैं तो बनवाने से पहले संबंधित कर्मचारी से संपर्क करें और पूरी जानकारी लेने के बाद बनवाएं।
Disclaimer:
इस article में दी गई जानकारी विभिन्न स्थानों से एकत्र की गई है। हमने आपको सही जानकारी देने की पूरी कोशिश की है।