
गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का राष्ट्रीय पर्व है। Republic day kab manaya jata hai? Republic day हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत वासियों के लिए अति महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसी दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ। भारत को अंग्रेजो के शासन से आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी जिसे भारतीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन सही मायने में भारत को आज़ादी संविधान अपनाने के बाद मिली थी क्योंकि संविधान भारत को स्व राष्ट्र बनाता है। और इस पर किसी भी प्रकार का बाहरी शक्तियों का वश नहीं है।
26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह भारत का संविधान पारित किया गया। जिसे संविधान सभा ने तैयार किया था। संविधान सभा में 299 सदस्य थे, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉ भीम राव अम्बेदकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान सभा के सदस्य राज्यों के सभा के निर्वाचन द्वारा चुने गए थे।
24 जनवरी 1950 को कुल 284 के संविधान सभा के सदस्यों ने इस संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर कर पारित होने का विश्वास जाहिर किया। संविधान बनाने में संविधान सभा ने कुल 114 बैठक की, जिसका प्रथम अधिवेशन 9 दिसंबर 1949 में हुआ। इस अधिवेशन की अध्यक्षता संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा ने की थी। उसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी सदस्य चुने गए जो बाद में स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।
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भीमराव अंबेडकर को संविधान का पिता क्यों कहा जाता है?
संविधान निर्माण में कुल 22 समितियों का गठन किया गया था। जिसमें प्रारूप समिति सबसे महत्वपूर्ण समीति थी। डॉ भीम राव अम्बेदकर इस प्रारूप समिति के अध्यक्ष, चुने गए थे। इनके अलावा इस समीति में 6 सदस्य और भी थे। इस प्रारूप समीति का काम संविधान निर्माण करना और लिखना था। इस वजह से डॉ भीमराव अम्बेदकर को ‘फादर ऑफ द कॉन्सटीट्यूसन’ कहते है। इस प्रारूप समिति ने 26 नवंबर 1949 को कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में संविधान निर्माण किया। इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में भी मनाते है।
भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ?
भारत का गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? शुरूआत में भारत के राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य स्वतंत्रता की माँग नहीं करते थे। वो बस चाहते थे कि उन्हें यानी भारत को डोमीनियन का पद मिले। क्योंकि वो चाहते थे कि भारत को भारतीय Represent (दर्शाये ) करें ना कि अंग्रेज सरकार। उन्होंने घोषणा कर दी कि अंग्रेज सरकार को 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिलियन पद अंग्रेज़ सरकार द्वारा देना होगा। जो कि अंग्रेज सरकार ने देने से मुकर गई और इसके बाद स्वतंत्रता का आंदोलन पूरे देश में आग की तरह फैल गई।
इस वजह से संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी की तिथि तय की गई। ताकि इस दिन का महत्व सदा बना रहे। 26 जनवरी 1950 को भारत ने एक नयी कानूनी व्यवस्था को अपनाया जिसके पीछे हज़ारो वीरो, देशभक्तो का बलिदान छिपा है। भारत कब आजाद हुआ था? 15 अगस्त 1947 को जब भारत देश आज़ाद हुआ तब ख़ुशी की लहर जितनी तेजी से फैली थी, उतने ही गम से सभी की आँखों में छिपे थे क्योंकि इस आजादी के कारण कईयों के घर उजड़ गए थे, कईयों ने अपने अपनों को खो दिया था। अंग्रेजो के क्रूर अत्याचार को झेलकर वो लाचार से बन गए थे। तब जाकर भारत देश आजाद हुआ। जिसकी खुशी लोग आज भी मनाते है।
26 जनवरी (Republic Day) कैसे मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर विशेष आयोजन किया जाता है। इस दिन भारत के कोने – कोने में खुशियाँ मनाई जाती है और झंडे फहराये जाते है लेकिन, भारत की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर को अवसर पर एक अलग उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते है। और इसके बाद सभी लोग ध्वज सम्मान करते हुए खड़े होकर सलामी देते है और राष्ट्रगान गाते हैं, “जन-गण-मन”। भारत के राष्ट्रपति राष्ट्र को समर्पित करते हुए भाषण देते है। इसके बाद एक भव्य पैरेड की शुरूआत होती है।
इस पैरेड में भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना आदि भाग लेते हैं। इस पैरेड का आयोजन इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक होता है। इस समारोह में NCC और कई विद्यालयों के बच्चे आते है। समारोह में भाग लेना एक गर्व और सम्मान की बात होती है। भारत के प्रधान मंत्री इंडिया गेट पर स्थित अमर भारत जवान ज्योति पर सम्मानपूर्वक पुष्प माला अर्पित करते है। अमर जवान ज्योति शहीद सैनिकों की स्मारक है, जो स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान दे दिए। पुष्प माला अर्पित करने के बाद सभी लोग शहीदों की याद में दो मिनट का मौन व्रत रखते है।
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर मुख्य अतिथि आते हैं, जैसे 2020 में ब्राजील के राष्ट्रपति, जेयर बोल्सोनारो आये थे इस विशेष पैरेड में देश की विभिन्न राज्यों की विशेष झांकियाँ भी प्रस्तुत की जाती है जिसमें उनके लोक गीत और लोक कला का दृश्य चित्रण किया जाता इसके अलावा सभी राज्यों के विद्यालयों, कॉलेजों, कार्यालयों आदि में ध्वज फहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है। स्कूलों में बच्चे गाने, नाटक, नाच आदि करके सभी को लोभित करते हैं।
गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम कितने दिनों तक चलता है ?
आमतौर पर गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम 24 जनवरी को ही शुरू हो जाता है। लेकिन पिछले साल 2022 में यह कार्यक्रम सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर ही शुरू हो गया था। सबसे पहले राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले बच्चों के नाम का ऐलान किया जाता है। अगले दिन की शाम को राष्ट्रपति देश के नाम को संबोधित करते हैं। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन 26 जनवरी को ही किया जाता है। 27 जनवरी को प्रधानमंत्री परेड में शामिल हुए एनसीसी कैडेट से मुलाकात करके शुभकामनाएं देते हैं। 29 जनवरी को रायसिना हिल्स पर बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में तीनों सेनाओं के बैंड शानदार धुन बजाकर मार्च पास्ट करते हैं। इसके उपरांत गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम ख़त्म हो जाता है।
गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में (10 lines on republic day in hindi)
- गणतंत्र दिवस भारतीयों का एक राष्ट्रीय पर्व है।
- भारतीय गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।
- 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था इसलिए इस दिन को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
- संविधान को बनाने में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
- इस दिन सभी सरकारी और निजी संस्थाओं में अवकाश होता है।
- इस दिन देश के राष्ट्रपति दिल्ली के राजपथ पर ध्वजारोहण करते हैं।
- राजपथ पर अलग-अलग राज्यों की सांस्कृतिक झांकियां प्रस्तुत की जाती है।
- गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य पथ पर थलसेना, वायुसेना और जल सेना की परेड होती है।
- इस परेड को देखने लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं।
- इस दिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
FAQ – Republic Day
73 वां
इस पुरे आर्टिकल (article) को आप निबंध के रूप में लिख सकते है।
यह एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमे देश का शासन किसी राजा या रानी के द्वारा नहीं बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि द्वारा होता है जिसका चुनाव निष्पक्ष रूप से होता है।
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।
26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था और 24 जनवरी 1950 को कुल 284 के संविधान सभा के सदस्यों ने इस संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर कर पारित होने का विश्वास जाहिर किया। अंत में 26 जनवरी को संविधान पारित किया गया था।
डॉ राजेंद्र प्रसाद
डॉ राजेंद्र प्रसाद
26 जनवरी 1950
राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक हैं।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
26 जनवरी 1950
26 जनवरी 1950 को गुरुवार था।
9 दिसंबर 1946
इस परेड में भारतीय थल सेना, वायुसेना, नौसेना आदि भाग लेते हैं।
21 तोपों की सलामी
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनस 26 जनवरी 2021 के मुख्य अतिथि थे लेकिन कोरोना की वजह से उन्होंने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया।
भारत का प्रधानमंत्री
Nation first, Always first
इस दिन भारत देश अंग्रेज के शासन से आज़ाद हुआ था।
गोवा
निजाम मीर उस्मान अली