
थॉमस एडिसन(Thomas Edison) एक अमेरिकी आविष्कारक थे जिन्होंने बिजली, जन संचार, ध्वनि रिकॉर्डिंग और गति चित्रों के क्षेत्र में कई तकनीकों का आविष्कार किया था।
इस essay में, हम जानेंगे कि इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज किसने किया और थॉमस एडिसन असफल प्रयासों से सफलता की ओर कैसे बढ़े?
थॉमस एडिसन (Thomas Edison) का जन्म 11 फरवरी 1847 को मिलन, ऑहियो के यूनाइटेड स्टेट्स में हुआ। उनके पिता का नाम सैमुअल ओगडेन एडिशन था। उनकी माता का नाम नैंसी एलियत एडिशन था। थॉमस एडिसन को आज सभी जानते हैं। उन्होंने कई अविष्कार किए। जिनमें बल्ब का आविष्कार वक्त को बदल देने जैसा अविष्कार था। बल्ब के अलावा उन्होंने रिकॉर्ड वोट, इलेक्ट्रिक कार की बैटरी, मोसन पिक्चर का आविष्कार भी किया।
लेकिन उनकी इस सफलता के पीछे बहुत उनकी कड़ी मेहनत है। कहते हैं किसी सफल व्यक्ति की सफलता में किसी औरत का हाथ होता है। उसी तरह थॉमस एडिसन की सफलता के पीछे उनकी मां का बहुत बड़ा योगदान है।
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थॉमस अल्वा एडिसन की जीवन परिचय
पूरा नाम (Full Name) | थ़ॉमस अल्वा ऍडिसन (Thomas Alva Edison) |
जन्म (Born) | 11 फरवरी, 1847 |
राष्ट्रीयता (Nationality) | अमेरिकी |
व्यवसाय (Occupation) | आविष्कारक |
पत्नी (Wife) | मैरी स्टिलवेल (1871-84), मीना मिलर (1886-1931) |
पिता का नाम (Father’s Name) | सामुएल ओगडेन एडीसन जूनियर. |
माता का नाम (Mother’s name) | नैन्सी मैथ्यू इलियट |
मृत्यु | 18 अक्टूबर, 1931 |
एक महान वैज्ञानिक के रूप में जाने जाने वाले थॉमस एडिसन बहुत ही मेहनती थे। एडिशन के स्कूल के टीचर एडिशन को मंदबुद्धि समझते थे। एडिसन के स्कूल के प्रिंसिपल ने एडिसन को एक पत्र दिया और कहा कि इस पत्र को अपनी माता को दे देना। एडिशन घर आए और वह पत्र अपने माता को सौंप दिया। एडिशन की मां उस पत्र को पढ़ने लगी। उस पत्र में लिखा था कि “एडिशन मानसिक रूप से बहुत कमजोर है। इसलिए इसे स्कूल निकाल दिया गया है। आप अपने बेटे को घर पर ही रखें।” यह पढ़कर उनकी माँ रोने लगती है और एडिशन को गले लगा लेती है।
अपनी मां को रोता हुआ देख जब एडिशन ने पूछा कि मां पत्र में क्या लिखा है, तो उनकी मां पत्र खोल कर फिर से दोबारा जोर-जोर से पढ़ने लगती है ताकि एडिशन सुन सके। उनकी मां पढ़ती है कि “थॉमस अल्वा एडिसन बहुत जीनियस बच्चा है। वह बहुत इंटेलिजेंट है और हमारे स्कूल में इस बच्चों को पढ़ाने लायक कोई टीचर नहीं है। इसलिए हम इस बच्चे को नहीं पढ़ा सकते। आप अपने बच्चे को घर पर ही खुद पढ़ाये।“
थॉमस एडिसन के जीवन में मां का अहम योगदान (Mother’s contribution in the life of Thomas Edison)
उसके बाद से एडिसन को उनकी मां पढ़ाने लगती है। एडिसन भी पूरे मन और लगन से पढ़ाई करते हैं। समय बीतता गया और वह बहुत बड़े बहुत बड़े वैज्ञानिक बन जाते है। बल्ब के आविष्कार के लिए उन्हें आज भी पूरी दुनिया जानती है। कुछ समय बाद एडिशन को वही पत्र मिलता है, जो बचपन में स्कूल में प्रिंसिपल ने उन्हें उनकी मां को देने के लिए कहा था।
पत्र पढ़कर एडिसन के आंखों में आंसू आ जाते हैं। उस समय उनकी मां का देहांत हो चुका था। एडिसन जब बल्ब का आविष्कार कर रहे थे तब उनके हजारों प्रयास असफल रहे।इसी बात पर एक व्यक्ति ने उनसे पूछा कि “आपने हजारों प्रयोग किए और सारे प्रयोग असफल हो गए और आपकी सारी मेहनत भी बेकार हो गई। इस बात का आपको बुरा नहीं लगता।”
तब एडिशन ने जवाब दिया कि मुझे नहीं लगता कि मेरे हजारों प्रयोग असफल होकर बेकार हो गए हैं क्योंकि इन असफल प्रयोगों से मुझे पता चला है कि इन तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए मेरा असफल प्रयोग भी बल्ब का ही हिस्सा है। एडमिशन के अलावा कोई सामान्य व्यक्ति होता तो इतने प्रयासों के बाद हार मान जाता। लेकिन थॉमस एडिसन ने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे। उनकी मेहनत रंग लाई और पूरा विश्व रोशन हो गया। इसलिए मेहनत और लगन से सब कुछ बदला जा सकता है जरूरत है तो बस चाह की।
FAQ – Thomas Edison questions and answers
11 फरवरी, 1847
एडिसन की मृत्यु मधुमेह से 18 अक्टूबर 1931 को हुई।
बल्ब
थॉमस अल्वा एडिसन (Thomas Alva Edison)
मिलन, ऑहियो के यूनाइटेड स्टेट्स में
14 अक्टूबर 1878
थॉमस अल्वा एडिसन
अकेले एडिसन ने 1,093 आविष्कार किए।
बल्ब बनाने में एडिसन के हजारों प्रयास असफल रहे थे।
थॉमस अल्वा एडिसन
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